
अनुभवः मुझे 29 सितंबर को अनुभव आया कि हम कल्कि भक्त कहीं जा रहे हैं (शायद बद्रीनाथ जा रहे है) अचानक ही सीटों में आग लग जाती है। इस पर मैं कहती हूँ कि इस बार हमनें उपचारों के हाथ नहीं लगाया तो मैंने तुरंत ही 200 रू वाले आई.डी कार्ड (80 रू भैरों बाबा, 20 रू योग माया माँ, 50 रू महाशक्तियों, 20 रू काली माँ, 30 रू कल्कि जी) का जो हमारा 200 रूपये का उपचार है उसका मानसिक संकल्प लिया और देखते ही देखते ही सीट की आग बुझ जाती है।
अर्थः हम जो कल्कि जी का कार्य कर रहे हैं उस से हमारे पुण्य के खाते में बढ़ोतरी हो रही हैं और कलियुग इससे बौखला गया है वो हमें कष्ट पहुँचाना चाहता है। लेकिन कल्कि जी ने हमें अपना सुरक्षा कवच प्रदान किया हुआ है 200 रूपये के आई.डी कार्ड के रूप में जो हमें महीने-डेढ़ महीने में एक बार निकालना पड़ता है और रोज जब भी शुभ कार्य करें उन पर हाथ लगा कर प्रार्थना करनी होती है।हम कल्कि जी का कोई कार्य कर रहे हैं या कोई कार्य करके आए हैं तो हम अपने आई.डी के रूपये को छूकर कलियुग और उसकी शक्तियों को उनका भाग दिलवा कर तृप्त कर देते हैं जिससे वो शांत हो जाते हैं।
उपचारः 200 रूपये आई.डी कार्ड (80 रू भैरों बाबा, 20 रू योगमाया जी, 50 रू महाशक्तियों, 20 रू काली माँ, 30 रू कल्कि जी के)
प्रार्थनाः
भैरो बाबा - हे भैरो बाबा कल्कि जी ने मेरे खाते में जो अनंत वैभवता प्रदान की है उससे बौखला कर कलियुग ने मेरी पुरानी फाइलें खोलकर राक्षसी शक्तियों को इसे नष्ट करने भेजा है, उन्हें अपने प्रिय प्रसाद शराब में से उनका भाग देकर उनकी जगह भेजें, मेरी वैभवता बनी रहे।
योगमाया माँ - हे योगमाया माँ कल्कि जी द्वारा प्रदान वैभवता से बौखलाकर कलियुग ने जिन राक्षसी शक्तियों को मेरे अपने और परायों में बैठकर मेरे पुण्यों को भक्षण करने के लिए भेजा है। उन शक्तियों को अपनी माया से मोहित करके उनके स्थानों पर भेजिए और मेरी वैभवता बनी रहे।
महाशक्तियों - हे महाशक्तियों आपने हमारे कार्यों को पूरा करने में जो मदद की हैं और कर रही है उसके लिए हम आपके आभारी हैं। ऐसे ही हमारे प्रोजेक्टों में हमारी मदद करती रहें। हम आपको प्रसाद अर्पण करेंगे। हमें स्वस्थ रहकर सुखी भाव से वैभवता पूर्वक कल्कि जी का कार्य करना है।
काली माँ - है माँ हम आपके बहुत आभारी है जो आप हमें घर से बाहर और बाहर से घर सुरक्षित कल्कि जी के कार्य करवा कर पहुँचाती है।
श्री कल्कि जी - हे कल्कि भगवान हम आपके आभारी हैं जो आप हमसे काम ले रहे हैं। आपके पास तो काम करने वालों की लाइनें लगी हैं। हे श्री कल्कि हमें न हटाना हमे अपने कामों मे साम-दाम-दण्ड-भेद से अपने कार्यों में लगाए रखना। हम आपका प्रसाद चढ़ाएगें।
लेखिका सुषमा गोयल 9899698240