मतवाले हरि गुन गा ले मतवाले हरि गुन गा ले जब टूटे श्वाँस सितार रे तेरे काम न आए यह दुनियां....... क्या संग लाया था जब आया था क्या संग ले जाएगा झूठी माया में भरमाया पीछे पछताएगा तेरे घरवाले बाहरवाले सब सुख में साँझीदार तेरे काम न आए यह दुनियां......॥ 1 ॥ जग में शुभ कर्मों की खेती कर, परलोक बनाना जीवन का उद्देश्य नही है, खाना पीना मौज उड़ाना तेरे घरवाले बाहरवाले सब मतलब का संसार तेरे काम न आए यह दुनियां.....॥ 2 ॥